भगवान को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है भगवान
का भजन और उनकी लीलाओं का निरंतर स्मरण, भगवान शंकर माँ
पार्वती से कहते हैं :-
उमा राम सुभाउ जेहिं जाना | ताहि भजन तजि भाव न आना ||
भगवान शिव कहते हैं, हे
पार्वती ! जगत पिता भगवान के स्वभाव को जो जान जाएगा, उसको भजन के सिवा और कुछ अच्छा नहीं लगेगा | यह देव दुर्लभ शरीर भजन करने के लिए ही मिला
है; गो-स्वामी तुलसी दास जी ने लिखा है:-
देह धरे कर यह फलु भाई | भाजिअ राम सब काम बिहाई ||
इस मानव शरीर को धारण करने का यही उद्देश्य है की
हम निरंतर प्रभु श्री राम का स्मरण करते रहे, भगवान की प्राप्ति भजन करने से जितनी सुगमता से प्राप्त हो सकती
है ऐसा कोई दूसरा सरल साधन उपलब्ध नहीं है |
भगवान श्री कृष्ण ने भगवत गीता में कहा है :-
अनन्यचेता: सततं यो मां स्मरति नित्यश: |
तस्याह्ं सुलभ: पार्थ नित्य युक्तस्य योगिन: ||
bhut bhut sadhuvad
जवाब देंहटाएंजय सियाराम
जवाब देंहटाएंजय जय सियाराम जय हनुमान जय जय राम पंडित जी को मेरा साष्टांग प्रणाम मम नाम सौरभ शर्मा
जवाब देंहटाएंवास्तविक आनंद ईश्वर के भजन में व उनकी छवि को अपने हृदय में बसाकर उनका गुणगान करना है आप को मेरा प्रणाम
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